वैज्ञानिक इस दवा को बता रहे हैं कोरोना का इलाज, जानें क्या है सच्चाई

वैज्ञानिक इस दवा को बता रहे हैं कोरोना का इलाज, जानें क्या है सच्चाई

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस (CoronaVirus) का प्रकोप जिस प्रकार अभी भी बढ़ रहा है उसे देखकर लगता है कि ये महामारी अभी और तांडव मचाएगी। ये इसलिए क्योंकि ना तो अभी इससे उभरने के लिए वैक्सीन (Corona Vaccine) मिली है और ना ही इसके मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। फिलहाल राहत वाली बात है कि लगातार वैज्ञानिक इसकी दवा बनाने की खोज में जुटे हैं, लेकिन अभी सफलता नहीं मिली है। खैर अब एक दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 की दवा इजात हो गयी है। जी हां दरअसल होमग्रोन फार्मास्यूटिकल कंपनियों को रेमेडीसविर और फेविपिरवीर के जेनेरिक संस्करण को करोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है। इस एंटी-वायरल ड्रग्स को कोरोना के इलाज में असरदार पाया जा रहा है।

पढ़ें- कोरोना वायरस की हर जानकारी और मदद के लिए यहां देखें राज्यवार हेल्पलाइन नंबर

कोविड-19 (Covid- 19) के इलाज के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों ने 'रेमेडीसविर' और 'फेविपिरवीर' दवाओं को मैजिक बुलेटके रूप में इस्तेमाल करने को आगाह किया है। भारत में जिस रफ्तार से ये वायरस फैल रहा है, ऐसे समय में वे दवाएं वायरल लोड को कम करने में सहायक हो सकती हैं।

'कोविफ़ोर' और 'सिप्रेमी' दो ऐसी जेनेरिक दवाएं हैं, जिन्हें सिप्ला और हेटेरो ने 2014 में इबोला के इलाज के लिए पहली बार विकसित किया था। ये एक एंटीवायरल दवा है, जो रेमेडीसविर के जेनेरिक संस्करण हैं। ये दवाएं शरीर में वायरल को फैलने से रोकती हैं।

पिछले महीने, यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज ने प्रारंभिक परीक्षण के परिणाम जारी किए थे, जिसमें कोविड-19 रोगियों को रेमेडीसविर दवा दी गई थी उन रोगियों की रिकवरी 11 से 15 दिनों में हुई थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के मरीजों के लिए रेमेडिसविर के उपयोग को मंजूरी दी थी। अमेरिका की कंपनी गिलियड साइंसेज ने भारतीय मैन्युफैक्चरर्स को इस दवा का लाइसेंस दे दिया है।

हेटेरोने कहा है कि वह रेमेड्सवियर के अपने वर्जन को 5,000से 6,000 रुपये प्रति शीशी के हिसाब से सप्लाई करेगा। इस तरह मरीज का पांच दिन का खर्च 30,000 रुपये से अधिक नहीं होगा। सिप्ला ने अभी तक अपनी दवा के पैसों का खुलासा नहीं किया है।

सिप्ला को DCGI से भी मिली अनुमति

रेमडेसिवीर एक मात्र दवा है, जिसे USFDA ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति दी है। गिलीड साइंसेज ने मई में सिप्ला के साथ रेमडेसिवीर के मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग के लिए एक नॉन एक्सक्लूसिव अग्रीमेंट साइन किया था। सिप्ला ने कहा कि उसे भारतीय दवा महानियंत्रक (DCGI) से इस दवा के आपातकालीन स्थिति में सीमित उपयोग की अनुमति मिल गई है।

भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दस्तावेज़ में प्रोटोकॉल में कहा गया है कि COVID-19 के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली ये दवा 12 साल से कम उम्र के बच्चों, लीवरएंजाइमप्रेग्नेंट लेडी और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए ये रेकमेंडिड नहीं है।

 

इसे भी पढ़ें-

DRDO ने तैयार की कोराना की दवा, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी में होगा क्लीनिकल ट्रायल

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।